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मेरी गीता

देवदत्त पट्टनायक

प्रकाशक : रूपा एण्ड कम्पनी प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :268
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 9996
आईएसबीएन :9788129144836

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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

अर्जुन, लोग सीमित देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। सीमित इसलिए क्योंकि ऐसा वे अपनी प्रकृति एवं इच्छा से करते हैं। मुझसे उनमें विश्वास उत्पन्न होता है। मुझसे उनके विश्वास की पूर्ति होती है। वे प्रतिबंधित रहकर प्रतिबंधित होते हैं। जो इन बंधनों को तोड़ देता है वह मुझे पा लेता है, मुझे यानी असीम को।
- भगवद् गीता
अध्याय-7 श्लोक-20 से 23 (भावानुवाद)

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